Friday 5 February 2010

इश्किया

परसों इश्किया देखी.  कुल मिलाकर कहूँ तो अच्छी नहीं लगी.  फिल्म अच्छी नहीं लगी.  विद्या बालन बहुत अच्छी लगी.  शायद ये विद्या बालन की पहली फिल्म है जिसमे वह मुझे ख़ूबसूरत लगी.  विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह, और अरशद वारसी तीनो ने बहुत बढ़िया काम किया है.  अगर आप फिल्म किरदारों को देखने जाते हैं, तो ये फिल्म आपको बहुत पसंद आएगी.  फिल्म में कहानी है.  बिलकुल है.  और बड़ी घुमावदार है.  पर ऐसा नहीं लगता की फिल्म कहानी सुनाने के लिए बनायी गयी है.  यूँ लगता है की फिल्म तीन किरदारों और उनके बीच की कामुकता को दिखाने के लिए बनायी गयी है.  जिसमे वह सफल है.  कहानी ज़रूरी है इसलिए है.

फिल्म में फोटोग्राफी अच्छी है.  "दिल तो बच्चा है जी..." गीत का मुखड़ा कर्णप्रिय है.  अन्य गीतों की तरफ मेरा ध्यान नहीं गया.  फिल्म परिवार के साथ देखने योग्य कदापि नहीं है.

रेटिंग: **

Monday 1 February 2010

Retirement !!

अंततोगत्वा कल शाम मैंने अपना retirement घोषित कर दिया.  बहुत से लोगों ने मुझसे पूछा कि मेरे लिए retirement का मतलब क्या है.  मेरे लिए retirement का मतलब वही है जो किसी ६० साल के व्यक्ति के लिए होता है.  मेरी उम्र कम होने से कोई और मतलब होना चाहिए ऐसा मुझे नहीं लगता.  मैं अपनी बाकी ज़िन्दगी में ऐसे काम करना चाहूँगा जिनसे मुझे ख़ुशी मिले.  ऐसे काम  क्या हैं ये शायद अभी मुझे नहीं पता.  मैं पता करूँगा.